(Casino Online) - Fairdeal Casino Game Download Luck is online, our online casino, Crypto Casino Games start winning now. Weather Updates: दक्षिण-पूर्व अरब सागर (southeast Arabian Sea) के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले 2 दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं (cyclonic winds) मानसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। चक्रवाती हवाओं ने मानसून का रास्ता रोक दिया है। इस बीच झारखंड, बिहार समेत 6 राज्यों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। आईएमडी ने कहा कि दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाएं औसत समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक चल रही हैं। हालांकि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती प्रवाह के कारण बादल छाने की परिस्थिति बनी है और वह उसी क्षेत्र में केंद्रित है तथा पिछले 24 घंटों में केरल तट के पास बादलों में कुछ कमी आई है। आईएमडी ने कहा कि इसके अलावा इस चक्रवाती प्रवाह के असर से अगले 24 घंटे के दौरान उसी क्षेत्र में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने और बाद के 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि इस प्रणाली के बनने और इसके मजबूत होने तथा उत्तर की ओर बढ़ने से केरल तट की ओर दक्षिण-पश्चिम मानसून के बढ़ने पर असर पड़ने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1जून को लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में आ सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है। पूर्व और उत्तर-पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 87 सेंटीमीटर के हिसाब से 94-106 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए सामान्य वर्षा महत्वपूर्ण है। खेती वाले क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा मानसून की वर्षा पर निर्भर है। यह देशभर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों के भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण है। झारखंड में 8 जून तक लू चलने के आसार:रांची से प्राप्त समाचार के अनुसार झारखंड में तापमान 39 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है और कई जिलों में लू चल रही है। मौसम कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने सोमवार से राज्य के उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व इलाकों के लिए लू की चेतावनी जारी की। अगले 4 दिनों तक राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि सोमवार से झारखंड के कुछ हिस्सों में लू चल सकती है और यह स्थिति 8 जून तक रह सकती है। अगले 4 दिन तक मौसम में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। मौसम शुष्क रह सकता है। जब किसी जिले का तापमान सामान्य तापमान से कम से कम 5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है, तब लू की स्थिति घोषित की जाती है। उन्होंने कहा कि 9 जून के बाद मौसम में बदलाव की संभावना है जिससे लू से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर बना हुआ है। दक्षिण छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और इस चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ तेलंगाना, रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक से आंतरिक तमिलनाडु तक फैली हुई है। एक और ट्रफ उत्तर पूर्वी बिहार से झारखंड होते हुए छत्तीसगढ़ तक जा रही है। दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है। इसके प्रभाव में आज 6 जून तक एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज मंगलवार को तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या 2 तेज बारिश संभव है। शेष कर्नाटक, सिक्किम, असम, मेघालय और पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान के कुछ हिस्सों, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में धूलभरी आंधी और बारिश संभव है। बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, तटीय आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में लू चलने की संभावना है। Edited by: Ravindra Gupta
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और कांग्रेस के सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन ने इस मामले में लोकायुक्त में शिकायत की थी। कांग्रेस नेताओं ने 30 मई को चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत शपथ पत्रों, एडीआर रिपोर्ट एवं खसरा अभिलेखों के आधार पर अनुपातहीन संपत्ति होने के आरोप भूपेंद्र सिंह पर पत्रकारवार्ता में लगाए थे। पार्टी का आरोप है कि मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके परिवारजनों ने 10 साल के भीतर लगभग 46 करोड़ की अकूत संपत्ति अर्जित की। कांग्रेस नेताओं की इस शिकायत पर लोकायुक्त ने जांच क्रमांक 0035/ई/ 2023-24 के मामले में पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त से 08 अगस्त 2023 तक जांच रिपोर्ट मांगी। हालांकि, भूपेन्द्र सिंह ने कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि मेरी पूरी संपत्ति वैध और पुश्तैनी है। Fairdeal Casino Game Download, जब तीनों रथ तैयार हो जाते हैं, तब 'छर पहनरा' नामक अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। इसके तहत पुरी के गजपति राजा पालकी में यहां आते हैं और इन तीनों रथों की विधिवत पूजा करते हैं और सोने की झाड़ू से रथ मण्डप और रास्ते को साफ करते हैं। आषाढ़ माह की शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को रथयात्रा आरम्भ होती है। ढोल, नगाड़ों, तुरही और शंखध्वनि के बीच भक्तगण इन रथों को खींचते हैं। कहते हैं, जिन्हें रथ को खींचने का अवसर प्राप्त होता है, वह महाभाग्यवान माना जाता है।
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बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।) Crypto Casino Games, औरंगजेब के विवादित व्हाट्सएप्प स्टेटस रखने को लेकर शुरू हुए विवाद में हिन्दू संगठनों ने जबरदस्त हंगामा किया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आज हिन्दू संगठनों ने कोल्हापुर बंद का एलान किया था। वहीं इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अहमदनगर के संगमनेर और कोल्हापुर में जो घटना सामने आई है, पुलिस उसकी जांच कर रही है।
shilpa shetty birthday : अपनी फिटनेस के लिए मशहूर बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा 8 जून को अपना 48वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। इस उम्र में भी शिल्पा अपनी फिटनेस से कई एक्ट्रेसेस को मात देती नजर आ रही है। एक्ट्रेस का जन्म 1975 में कर्नाटक के मैंगलोर शहर में हुआ था। शिल्पा आज जिस मुकाम पर हैं, उसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। शिल्पा शेट्टी ने अपने करियर की शुरुआत महज 16 साल की उम्र में एक बहुत ही छोटे से विज्ञापन से की थी। वह 1991 में 'लिम्का' के एड में नजर आई थीं। इसके बाद अभिनेत्री ने साल 1993 में शाहरुख खान के अपोजिट फिल्म 'बाजीगर' से अपनी शुरुआत की। इस फिल्म में वह सेकेंड लीड में नजर आई थीं। हालांकि इससे पहले शिल्पा को 1992 में फिल्म 'गाता रहे मेरा दिल' के लिए कास्ट किया गया था। लेकिन यह फिल्म कभी रिलीज नहीं हुई। शिल्पा शेट्टी को असली पहचान फिल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' से मिली। इस फिल्म में वह अक्षय कुमार के साथ नजर आई थीं। फिल्म के बाद से शिल्पा का नाम अक्षय कुमार के साथ जुड़ने लगा। Serbian Casino Game Download June horoscope 2023 : जून महीने की शुरुआत हो गई है। इस महीने किसके चमकेंगे सितारे, किसे मिलेगा किस्मत का साथ। जानिए यहां अपने मासिक राशिफल के बारे में। पढ़ें 12 राशियां... जून 2023 : 12 राशि मेष- मेष राशि वाले जातकों के लिए यह माह आर्थिक परेशानी वाला रहेगा। व्यापार में उतार-चढ़ाव रहेगा। कृषि क्षेत्र में मध्यम सफलता मिलेगी। नौकरी में साथियों से सहयोग प्राप्त होगा। स्वयं को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ रहेगी। पिता से आर्थिक सहयोग प्राप्त होगा, परंतु रिश्तेदारी में मनमुटाव की स्थिति बन सकती है। अपने कार्य को समझकर करना होगा। दिनांक 8, 16 शुभ हैं, 5 अशुभ है। श्री रामरक्षा स्तोत्र पाठ लाभप्रद रहेगा।