(Casino Online) - Casino Games In India More games for more fun at the online casino, Casino Game App Download play now and calculate your luck. — ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) June 2, 2023
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बयान देते हुए कहा कि ओरंगजैब की तारीफ करने वालों को माफी नहीं दी जाएगी। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है। Casino Games In India, Odisha Train Accident : भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक सनसनीखेज बयान देते हुए ओडिशा में बालासोर ट्रेन हादसे के पीछे तृणमूल कांग्रेस की साजिश बताई। वे दूसरे राज्य में सीबीआई जांच को लेकर इतने चिंतित और घबराए हुए क्यों हैं?इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज घायलों से मिलने ओडिशा भी जाने वाली है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि इन लोगों ने पुलिस की मदद से दोनों रेल अधिकारी का फोन टेप किया और टि्वटर पर डाल दिया। दोनों रेल अधिकारी की बातचीत इन लोगों को कैसे पता चली? इसके पीछे क्या साजिश है? टीएमसी की साजिश है। उन्होंने कहा कि बातचीत कैसे लीक हुई सीबीआई जांच में यह भी आना चाहिए। नहीं आएगा तो मैं कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। देश को बदनाम नहीं करना चाहिए। ऐसा देश का कोई मुख्यमंत्री नहीं करता है। बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। उन्होंने सरकार पर मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि सीबीआई जांच से कोई हल नहीं निकलने वाला। उन्होंने कहा, मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कमियों को स्वीकार ही नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि सीबीआइ का काम अपराधों की जांच करना है। यह रेल दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं है। उल्लेखनीय है कि ओडिशा में शुक्रवार को ट्रेन हादसे में अब तक 278 लोग मारे जा चुके हैं जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
कोलकाता। Odisha train accident : हावड़ा जिले में रहने वाले हेलाराम मलिक के 253 किलोमीटर सफर करने के बाद ओडिशा के बालासोर जिले पहुंचे और मुर्दाघर में पड़े अपने बेटे को मौत के मुंह से निकालकर नई जिंदगी बख्श दी। मलिक ने अपने 24 साल के बेटे विश्वजीत को बाहानगा हाई स्कूल में बने अस्थायी मुर्दाघर से निकाला और बालासोर अस्पताल ले गए, इसके बाद वह उसे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल ले आए। विश्वजीत की कई हड्डियों में चोट लगी थी और यहां एसएसकेएम अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में उसकी दो सर्जरी की गईं। हावड़ा में किराना की दुकान चलाने वाले हेलाराम ने कहा कि मैंने टीवी पर खबर देखी, तो मुझे लगा कि विश्वजीत को फोन करके पूछना चाहिए कि वह सही है या नहीं। शुरुआत में तो उसने फोन नहीं उठाया, लेकिन जब उठाया तो, मुझे दूसरी ओर से मुरझाई हुई सी आवाज सुनाई दी। दुर्घटना वाली रात (2 जून) को ही हेलाराम और उनके बहनोई दीपक दास एक एम्बुलेंस में बालासोर के लिए रवाना हो गए। हेलाराम ने कहा कि हम उसका पता नहीं लगा पाए, क्योंकि उसके मोबाइल फोन पर की जा रहीं कॉल का कोई जवाब नहीं मिल रहा था। हम कई अस्पताल गए, लेकिन विश्वजीत का कोई पता नहीं चल पाया। इसके बाद हम बाहानगा हाईस्कूल में बने अस्थायी मुर्दाघर पहुंचे, लेकिन शुरुआत में हमें उसमें जाने नहीं दिया गया। देखते ही देखते कुछ लोगों में कहासुनी हो गई और फिर हंगामा खड़ा हो गया। अचानक मुझे एक हाथ दिखा और मुझे पता था कि यह मेरे बेटे का हाथ है। वह जिंदा था। हेलाराम बिना वक्त गंवाए अपने 'लगभग बेसुध' बेटे को बालासोर अस्पताल ले गए, जहां उसे कुछ इंजेक्शन लगाने के बाद कटक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया। हेलाराम ने कहा कि उसके शरीर में कई फ्रैक्चर थे और वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। मैंने वहां एक बांड पर हस्ताक्षर किए और सोमवार सुबह विश्वजीत को एसएसकेएम अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर ले आया। एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर से जब यह पूछा गया कि लोगों ने विश्वजीत को मृत क्यों समझ लिया था, तो उन्होंने कहा कि विश्वजीत के शरीर ने शायद हरकत करनी बंद कर दी होगी, जिसकी वजह से लोगों ने समझ लिया कि उसकी मौत हो चुकी है। सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसएसकेएम अस्पताल में विश्वजीत और अन्य घायलों से मुलाकात की। हेलाराम ने कहा, “मैं अपने बेटे को वापस पाने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। जब मैंने सुना कि विश्वजीत की मौत हो चुकी है, तो मेरे दिमाग में जो चल रहा था, मैं समझा नहीं सकता। मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि वह अब इस दुनिया में नहीं है और उसे ढूंढता रहा।” विश्वजीत ने अस्पताल के बिस्तर से पीटीआई-भाषा से कहा, “मुझे नया जीवन मिला है। मैं अपने पिता का कर्जदार हूं। वह मेरे लिए भगवान हैं और उन्हीं की वजह से मुझे यह जिंदगी वापस मिली है। मेरे लिए बाबा ही सबकुछ हैं।” विश्वजीत कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहा था, जो दो जून को शाम सात बजे एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसके बाद उसके ज्यादातर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकराने के बाद पटरी से उतर गए थे। इस दुर्घटना में कुल 278 यात्रियों की मौत हुई है, जबकि 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। Casino Online Win Big, Play Big - Today! play now and calculate your luck भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, केएस भरत, शुभमन गिल, रविंद्र जडेजा, विराट कोहली, इशान किशन, चेतेश्वर पुजारा, अक्षर पटेल, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, जयदेव उनादकट, और उमेश यादव।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सियालदह ट्रेन सियालदह से अजमेर जा रही थी। जैसे ही भरवारी रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन पहुंची कि विद्युत शॉर्ट सर्किट से जनरल बोगी में आग लग गई। Money Wheel, 2. हर सेकंड हम जो सांस लेते हैं वो समुंदर से आती है।
Bet Your Way to Big Wins! Casino Online भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में हिंदुत्व और भगवा के मुद्दें पर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा हिंदुत्व के मुद्दें को जोर-शोर से उठाकर चुनावी माइलेज लेने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी अब हिंदुत्व के मुद्दें पर कहीं से पीछे नहीं दिखाना चाहती है। मंगलवार को कांग्रेस दफ्तर में बजरंग सेना के कांग्रेस में शामिल होने पर आयोजन कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गले में भगवा गमछा डाल जय श्री राम के नारे लगाते हुए नजर आए। असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कहा जा रहा है कि एक आदिवासी का बेटा तोंसिंग और मेइती जाति की उसकी मां कंग्चुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे। 4 जून को शाम के समय इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और शिविर में होने के बावजूद बच्चे को गोली लग गई। असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एम्बुलेंस की व्यवस्था की। मां बहुसंख्यक समुदाय से थी इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के 'रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज' ले जाने का फैसला किया गया। कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एम्बुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला। शाम करीब 6.30 बजे इरोइसेम्बा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी। वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई। हमें अभी तक नहीं पता कि शव कहां हैं? काकचिंग क्षेत्र में कुकी समुदाय के कई गांव हैं और यह कांगपोकपी जिले की पश्चिमी इंफाल से लगी सीमा पर मेइती समुदाय के गांव फाएंग के पास है। इस क्षेत्र में 27 मई से गोलीबारी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। आदिवासियों- नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है।(भाषा)(सांकेतिक चित्र) Edited by: Ravindra Gupta
आज विश्व पोहा दिवस है। भारत में हर साल 7 जून को विश्व पोहा दिवस मनाया जाता है। पोहा दिवस को ही विश्व पोहा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन इसलिए विशेष रूप से मनाया जाता है क्योंकि पोहा खाने में स्वादिष्ट और हेल्दी दोनों हैं। अलग-अलग राज्यों में पोहे को भिन्न नाम से जाना जाता है। मप्र और महाराष्ट्र में इसे पोहे के नाम से जाना जाता है, तो कोई इसे पीटा चावल और चपटा चावल भी कहता है। बंगाल और असम में चीड़ा, तेलगु में अटुकुलू, गुजराती में पौआ के नाम से जाना जाता है। जी हां, पोहा बच्चों से लेकर बूढ़ें यानी हर उम्र के लोग खा सकते हैं। पोहे को जिस तरह से तेल रखकर छौंक लगाया जाता है, वह खाने के स्वाद को बढ़ा देता है। साथ ही इसे जितना सरल विधि से बनाते हैं यह उतना पौष्टिक होता है। वैसे तो पोहे के प्रसिद्धि को लेकर कई सारी कहानियां है। Casino Game App Download, इतना ही नहीं इसमें कई विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो हमें कई तरह के फायदे देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खरबूजा का सेवन आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर नहीं तो यहां जानिए खरबूजा खाने के 5 नुकसान...side effects muskmelon - खरबूजा के सेवन से शरीर में ठंडक महसूस होती है, लेकिन यह आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां दे सकता है। - आपको बता दें कि जरूरत से ज्यादा खरबूजा का सेवन आपको पाचन संबंधी समस्याओं से रूबरू करा सकता है। - गर्मी के दिनों में पेट तथा शरीर में गर्मी बढ़ने की समस्या से कई लोग परेशान होते हैं, लेकिन आपको बता दें कि यह आपकी आंतों के लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकता है, क्योंकि खरबूजे में पानी, फाइबर और शुगर अधिक मात्रा में होने के कारण यह आंतों में इन्फेक्शन को बढ़ा सकता है। - शुगर रोगियों को खरबूजे के सेवन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद शुगर की अधिक मात्रा डायबिटीज की समस्या को बढ़ावा देती है। - खरबूजा शरीर में पानी की कमी की पूर्ति करता है, लेकिन अधिक मात्रा में खरबूजे के सेवन से शरीर में पानी की अधिकता होने के कारण आपको थकान और पैरों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है, क्योंकि खरबूजे में 97% पानी होता है। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
Manipur Violence : अमित शाह की अपील के बाद भी मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। राज्य के सेरौ इलाके में हुई हिंसा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान शहीद हो गया जबकि असम राइफल्स के 2 जवान घायल हो गए। भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा, मणिपुर के सेरौ इलाके में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के एक समूह के बीच देर रात मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई। हादसे में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान मारा गया जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए। घायल जवानों को इलाज के लिए मंत्रिपुखरी ले जाया गया है। उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने मणिपुर के अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान कई संगठनों से मुलाकात कर शांति बहाल करने की अपील की थी। उन्होंने लूटे गए हथियारों को सरेंडर कराने को कहा था और चेतावनी दी थी कि हथियार जमा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमित शाह की पूर्वोत्तर राज्य के लिए शांति कायम करने के ऐलान के ठीक बाद मणिपुर के 5 जिलों से कर्फ्यू हटा लिया गया था। जबकि कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। पुलिस के मुताबिक गृहमंत्री की चेतावनी के बाद मणिपुर में 140 हथियारों को सरेंडर किया गया है। बता दें कि करीब एक महीने पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद पुलिस शस्त्रागार से 2,000 हथियार लूट लिए गए थे बता दें कि 3 मई से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 70 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। हिंसा को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य में सेना और असम राइफल्स के भी 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। Edited by : Nrapendra Gupta Casino Game App Download भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में हिंदुत्व और भगवा के मुद्दें पर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा हिंदुत्व के मुद्दें को जोर-शोर से उठाकर चुनावी माइलेज लेने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी अब हिंदुत्व के मुद्दें पर कहीं से पीछे नहीं दिखाना चाहती है। मंगलवार को कांग्रेस दफ्तर में बजरंग सेना के कांग्रेस में शामिल होने पर आयोजन कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गले में भगवा गमछा डाल जय श्री राम के नारे लगाते हुए नजर आए।